सिंघल फाउंडेशन
सिंघल फाउन्डेशन (एक पंजीकृत न्यास) की स्थापना स्व. श्री पी.पी. सिंघल के तीन पुत्रों ने मिलकर की थी। इस फाउन्डेशन की स्थापना का उद्देश्य उन परोपकारी कार्यों को जारी रखना था जो स्व. श्री पी.पी. सिंघल ने अपने जीवन काल में किये थे। सिंघल फाउन्डेशन शिक्षा के विकास में अच्छे और योग्य कार्यों के लिये ज़रूरतमंद छात्रों, विद्यालयों, खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों, दिव्यांगों और अनाथ बच्चों के विद्यालयों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।
श्री अशोकजी सिंघल श्री पी पी सिंघल के छोटे भाई थे जिन्होंने पूरे सिंघल परिवार को वेद सेवा के लिये प्रेरित किया। अशोकजी वैदिक शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। वे यह चाहते थे कि सब लोगों को वेदों की शक्ति, उनकी शिक्षाओं और उनके ज्ञान का अहसास हो तथा वे दैनिक जीवन में वेदों से हो सकने वाले लाभों के महत्व को समझें।
सिंघल फाउन्डेशन के माध्यम से हम वेद सेवा के प्रति हमारी वचनबद्धता जारी रखना चाहते हैं। यद्यपि क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर कई परोपकारी संस्थाएं हैं जो वैदिक शिक्षा और वेद विद्यार्थियों को पहचान दिलाने के लिए सहयोग कर रहीं हैं, हमने देखा कि राष्ट्रीय स्तर पर इस बारे में कोई प्रक्रिया नहीं है। सिंघल फाउन्डेशन ने भारतात्मा अशोकजी सिंघल वैदिक शिक्षा पुरस्कार स्थापित करने का निर्णय लिया जो कि वैदिक शिक्षा के क्षेत्र में पहला ऐसा राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार होगा। इनका दोहरा उद्देश्य होगा, पहला वैदिक शिक्षा को प्रोत्साहन और दूसरा श्री अशोकजी सिंघल के नाम को चिरस्थायी बनाए रखना जिन्होंने अपना समस्त जीवन वेदों के लिए समर्पित कर दिया।
फाउन्डेशन वार्षिक रूप से निम्न श्रेणियों में यह पुरस्कार देगीः
- आदर्श वेद अध्यापक
- श्रेष्ठ वेद विद्यार्थी
- सर्वश्रेष्ठ वैदिक विद्यालय
हम आशा करते हैं कि ये पुरस्कार अधिक से अधिक विद्यालयों, अध्यापकों और विद्यार्थियों को वेद शिक्षा अपनाने और समाज के भले के लिए उसे विस्तार देने के लिये प्रोत्साहित करेंगे।