पाठशाला

यह पुरस्कार उस उत्तम वेदविद्यालय को प्रदान किया जाता है, जिसने वेदों को सिखाने में सर्वाधिक योगदान प्रदान किया है।

इस पुरस्कार के अन्तर्गत एक प्रमाण पत्र, वैजयन्ती और ₹ 7,00,000 की नकद राशि प्रदान की जाती है।

इस पुरस्कार के योग्य होने के लिये आपको निम्नलिखित सभी पात्रताएँ पूरी करना आवश्यक हैः

  • वेदविद्यालय जिन्हें केन्द्र या राज्य सरकार या धर्मार्थ न्यास या मन्दिर न्यास से निधि प्राप्त हो रही हो, या गुरुकुल जिसे निजी रूप से एक अध्यापक द्वारा पोषित किया जा रहा हो।
  • श्रुति परम्परा के अनुसार वेदों के अध्यापन के लिए समर्पित है।
  • निरन्तर 20 वर्षों से सक्रिय है।
  • यदि वेदविद्यालय को सरकार या ट्रस्ट से अनुदान प्राप्त हो रहा है तो वेदविद्यालय में कम से कम 1 वेदाध्यापक और 5 विद्यार्थी होने चाहिए; यदि एक वेदाध्यापक का गुरुकुल अथवा कुमाराध्यापक है तो कम से कम 3 विद्यार्थी होने चाहिए।
  • वेदविद्यालय ने विगत पाँच वर्षों में भारतात्मा उत्तम वेदविद्यालय पुरस्कार नहीं जीता है।

आवेदन प्राप्त करने की अन्तिम दिनाङ्क 30 जून 2024 है। आवेदन 30 जून से पहले सिंघल फाउण्डेशन के कार्यालय में पहुँच जाने चाहिए। इस दिनाङ्क के पश्चात् प्राप्त आवेदनों पर 2024 के पुरस्कारों के लिये विचार नहीं किया जाएगा।

प्रत्येक श्रेणी के लिये आवेदन पत्र आप हमारी वेबसाइट www.bharatatmapuraskar.org से कर सकते हैं।

यह सुनिश्चित करें कि योग्यता मापदण्डों को पूरा करने के लिए आपने अपने दस्तावेज/प्रमाणपत्र/ अंकतालिकाएँ साक्ष्य के तौर पर संलग्न कर दिए हैं।

आप आवेदन हस्तलिखित या माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का प्रयोग कर भर सकते हैं. यदि आप आवेदन ईमेल के द्वारा भेज रहे हैं तो सिर्फ .pdf में ही भेजें ना कि .doc या .docx

पूर्णतः भरा हुआ आवेदन पत्र डाक या कूरियर सेः सिंघल फाउण्डेशन, द्वारा सिक्योर मीटर्स लिमिटेड, प्रतापनगर इण्डस्ट्रियल एरिया, उदयपुर 313003 को भेजें।

या

आप सभी दस्तावेजों को स्कैन करके पी.डी.एफ़ (pdf) प्रारूप में ईमेल करेंः applications@bharatatmapuraskar.org

 

चयन प्रक्रिया

सिंघल फाउण्डेशन प्रत्येक श्रेणी के विजेता चुनने के लिए एक उच्च गुणवत्ता वाली और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाती है। विजेताओं का निर्णय दो चरणों की प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। प्रथम चरण में वैदिक विशेषज्ञों की एक समिति, प्राप्त आवेदनों (शिक्षकों और विद्यार्थियों के नाम अज्ञात होंगे) की समीक्षा कर सम्भावित विजेताओं की छंटनी करके एक सूची बनाएगी। यह छंटनी आवेदकों द्वारा आवेन पत्र में दी गई जानकारी के आधार पर की जाएगी।अतः आवेदनपत्र का पूरा और सही भरा जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके पश्चात् इस सूची पर निर्णायक समिति (जूरी) जिसमें सभी वेदों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ होंगे, द्वारा विचार किया जायेगा। विजेताओं पर अपना अन्तिम निर्णय लेने से पूर्व जूरी चयनित विद्यालयों का दौरा करेगी और चयनित शिक्षकों और विद्यार्थियों से साक्षात्कार करेगी।

पात्र वेदविद्यालयों का मूल्यांकन निम्न मापदण्डों के आधार पर होगाः

  • वेदविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा अर्जित की गई शैक्षिक श्रेष्ठता
  • वेदविद्यालय के अध्यापकों की योग्यताएँ और अनुभव
  • प्रदान की गई वैदिक शिक्षा (मूलांत से लक्षण/भाष्य इत्यादि) की गहनता
  • वेदविद्यालय द्वारा बनाए गए वेदाध्यापकों की गुणवत्ता और सङ्ख्या
  • दी गई वैदिक शिक्षा का विस्तार (एक से अधिक वेद) और गहराई (उन्नत या असाधारण वेदशास्त्र)

यह सुनिश्चित करें कि आपने योग्यता मानदण्डों को पूरा करने के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत कर दिए हैं।