वी.राजगोपाल घनपाठी
पितानाम: एन. वैद्यनाथ शास्त्री
पत्नीनाम: श्रीमती अन्नपूर्णी
पता: वेदभवन, न्यू.न.-188, TT कृष्णमाचार्य रोड, अलवरपेट, चेन्नई, तमिलनाडु

चेन्नई, तमिलनाडु निवासी श्रीमान् वी.राजगोपाल घनपाठी कृष्णयजुर्वेद (सलक्षणघनान्त),श्रौत, स्मार्त, वेदभाष्य, न्याय, मीमांसा, वेदान्त, ज्योतिष के साथ वाणिज्य, कंप्यूटर के विद्वान है| राजगोपालजी ने वेदविहित जीवन आचरण करते हुए निरन्तर अपने कठोर परिश्रम से अनेक ग्रन्थों का अध्ययन, मनन, चिन्तन कर नवीन ग्रन्थों के प्रकाशन किए है| आप सीताराम गुरुकुल संचालित करते हुए 25 वर्षों से वेदाध्यापन में समर्पित है| आपके कठोर तप से अनेक वैदिक विद्वानों का सृजन हुआ है| राजगोपालजी पाञ्च से अधिक भाषाओं के ज्ञाता है| राजगोपालजी अपने कठोर तप से वाराणसी संस्कृत अकादमी से “वेद विद्या अलंकरण”(1986), श्री गणपति सच्चिदानंद आश्रमम मैसूर से प्रज्ञा चक्रपाणी पुरस्कार सहीत बहुत से पुरस्कार प्राप्त कर चुके है| राजगोपालजी ने वेदक्षेत्र मं उल्लेखनीय कार्य कर अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहें है|