श्री समर्थ वेद विद्यालय
पता: पोस्ट रामपुरी खुर्द, ता. पाथरी जि. परभणी -४३१ ५०३
संपर्क: श्री पाठक ९९२२६९५९३०
वेदसेवा के एकमात्र उद्देश से पू.स्वामी गोविंददेवगिरीजी महाराज की प्रेरणा से १९९० में स्थापित महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान द्वारा संचालित श्री समर्थ वेदविद्यालय की स्थापना गोदावरी के तटपर ग्रामीण क्षेत्र में ४ जुलाई १९९३ के दिन (स्वामी विवेकानंद स्मृतिदिन पर ) महामहोपाध्याय ब्रह्मश्री स्व. यज्ञेश्वर शास्त्रीजी कस्तुरे के तप:पूत करकमलों द्वारा हुई|
इस विद्यालय की स्थापना से पूर्व महाराष्ट्र में एक भी सामवेदी अथवा अथर्ववेदी नहीं था | इस विद्यालय का सबसे बड़ा योगदान यह है कि वर्तमान में महाराष्ट्र में सामवेदी तथा अथर्ववेदी विद्वान उपलब्ध हुए हैं| यह वेदस्थापना इस वेदविद्यालय का प्रमुख योगदान है| वर्तमान में उपलब्ध चारों वेदों की सभी शाखाओं का अध्यापन हो रहा है|
इस वेदविद्यालय के अनेक अध्यापकों तथा छात्रों ने आज तक अनेक राष्ट्रीय स्तरके सन्मान तथा पुरस्कार प्राप्त किये हैं| लगभग २०० से भी अधिक पूर्व छात्र वेदाध्ययन विधिवत पूर्ण कर अध्यापन, पौरोहित्य तथा कथा – ज्योतिष्यादि क्षेत्रों में सुस्थापित होकर सफलतापूर्वक जीवनयापन कर रहे हैं एवं समाज का सांस्कृतिक नेतृत्व कर रहे हैं|
इस वेदविद्यालय को वर्ष २००२ से कविकुलगुरू कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक द्वारा बिना अनुदानित वेदविद्यालय के स्वरूप में तथा वर्ष २०१२ से महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन द्वारा अनुदानित वेदविद्यालयके रूप में स्थायी संलग्नता प्राप्त हुई है| इस वर्ष यह वेदविद्यालय अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है|