नाम– श्री गगन कुमार जी चट्टोपाध्याय
पिता– स्व. श्री तारापद जी चट्टोपाध्याय
माता नाम– श्रीमती सतीरानी चट्टोपाध्याय
गुरुजी नाम– स्व. ब्रह्मश्री आर. एस. नारायण श्रौतिगल
जन्म स्थान– मेदिनीपुर (पश्चिम बङ्गाल)
वर्तमान निवास– श्रीपट्टाभिराम शास्त्री वेदमीमांसानुसन्धान केन्द्र, हनुमानघाट, वाराणसी

आचार्य श्री गगन कुमार जी चट्टोपाध्याय सामवेद के मूर्धन्य विद्वान हैं| गुरुजी ने वेदभवन कोलकाता से ब्रह्मश्री आर. शंकर नारायण श्रोतिगल गुरूजी के सान्निध्य में सामवेद कौथुमशाखा का रहस्यान्त, तिरुपति तिरुमाला देवस्थान से सन् 1975 में वेदभाष्य का अध्यययन कर कामेश्वरसिंह दरभङ्गा विश्वविद्यालय, बिहार से सन् 1990 में सामवेदाचार्य की उपाधि प्राप्त की है|

आचार्यजी ने सन् 1977 से 1985 ई. तक श्री श्यामाचरण विद्यापीठ, बिहार में, सन् 1985 से 1995 ई. तक श्री श्यामाचरण विद्यापीठ उच्चमाध्यमिक संस्कृत विद्यालय, भागलपुर, बिहार में, सन् 1995 से श्री पट्टाभिराम शास्त्री वेद मिमांसानुसंधान केन्द्र, हनुमानघाट, वाराणसी में वेदाध्यापन कार्य के साथ प्रधानाचार्य पद को सुशोभित कर रहे हैं।

आचार्यजी द्वारा “सामवेद-कौथुमशाखीयगानार्थिकपदस्तोभः” नामक ग्रन्थ का प्रकाशन भी किया गया है|

आचार्यजी ने भारत में सामवेद के शताधिक शिष्यों को सामवेद का अध्यापन तथा शोधछात्रों को भी वेद विषयीय मार्गदर्शन प्रदान कर वेदसेवा में आपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया है|

आचार्यजी ने भारत में अनेक वैदिक सम्मेलनों, संगोष्ठियों, वैदिक परीक्षाओं में भाग लिया तथा अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया है तथा आचार्यजी को वेदसेवा के फलस्वरूप वेदपण्डित पुरस्कार (उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् द्वारा सन् 1995ई.), वेदरत्नाकर, विद्वतसम्मान आदि अनेक सम्मानों से सम्मानित किया गया है|

वे.मू. श्री गगन कुमार जी चट्टोपाध्याय को 2019 के “भारतात्मा अशोकजी सिंघल वैदिक पुरस्कार-आदर्श वेदाध्याप्क” प्रदान किया जा रहा है|