नाम – वेदमूर्ति श्रीकृष्ण मधुकर पालस्करजी

पिताजी – श्री श्रीमान् मधुकर बलिराम पलस्कर

माताजी – श्रीमती विमल बाई

जन्मस्थान – अनसिंह ग्राम, वासीम, महाराष्ट्र

जन्मतिथि – १५ दिसम्बबर- १९६९

वेद – सामवेद

शाखा – राणायणी

आपने वेदमूर्ति श्री विश्वेश्वररामजी भट्ट के सान्निध्य में सामवेद रहस्यान्त, अष्टब्राह्मण और श्रौग्रंथों का अध्ययन, वेदमूर्ति श्री गजाननजी भट्ट के सान्निध्य में ऋग्वैदिक कर्मकाण्ड का अध्ययन, महामहोपाध्याय श्री यज्ञेश्वर शास्त्री कस्तुरे गुरूजी के सान्निध्य में संस्कृत की अन्य विधाओं का अध्ययन किया।

आप विगत तीस वर्षों से वेदाध्यायापन में संलग्न हैं। आपके द्वारा अभी तक 28 विद्यार्थियों को वेदाध्ययन कराया गया हैं, जो वर्त्तमान में देश के विभिन्न भागों में वेदाध्यापनकार्य में संलग्न हैं।

श्रीकृष्णजी गुरूजी को इस अमूल्य सेवा हेतु शारदा पीठ से भारतीतीर्थ पुरस्कार, अवधूत दत्तपीठ द्वारा आस्थान विद्वान पुरस्कार जैसे अनेक प्रतिष्ठित अलंकरणों से अलंकृत किया गया हें।

आदर्श अध्यापन के लिए भारतात्मा अशोकजी सिंघल वेद पुरस्कार-२०२० के आदर्श वेदाध्यापक पुरस्कार से अलङ्कृत किया गया।