नाम – श्री अतुल लक्ष्मण सीतापतिजी

पिताजी – श्रीमान् लक्षमण सीतापतिजी

माताजी – श्रीमती उर्मिलाजी

जन्मस्थान – मांजल ग्राम, महाराष्ट्र

जन्मतिथि – १३ मई-१९९३

वेद – सामवेद

शाखा – राणायणी            

श्री अतुलजी ने सामवेद की राणायणी शाखा में रहस्यान्त तक अध्ययन वेदमूर्ति श्रीकृष्ण मधुकर पालस्कर गुरुजी के सान्निध्य में किया हैं। श्री अतुलजी श्रीकृष्ण मधुकरजी पालस्कर गुरुजी के सान्निध्य में ही शिक्षा, ज्योतिष, छन्द, निघण्टु आदि ग्रन्थों का अध्ययन कर वर्तमान में श्रौत ग्रन्थों का अध्ययन कर रहे हैं।

श्री अतुलजी को अपने वेदाध्यन के दौरान वेदरत्न पुरस्कार, सामवेद विद्वान पुरस्कार, विद्वत् गौरव पुरस्कार आदि अनेक पुरस्कारों से भी अलङ्कृत किया गया हैं।

श्री अतुलजी सीतापति इस पवित्र सनातन वेदपरम्परा की गङ्गा के निर्बाध प्रवाह को बनाए रखने के लिए वेदाध्यापक के रूप में वेदसेवा में जीवन समर्पण हेतु संकल्पित हैं।

आपको उत्कृष्ट अध्ययन के लिए वर्ष-२०२० के “भारतात्मा-अशोकजीसिंघल-वेदपुरस्का:-उत्कृष्टवेदविद्यार्थी” प्रदान किया गया।